जीवन के शार्टकट की चाह हमारे मस्तिष्क में नकारात्मक ऊर्जा का संचार कर हमारी नकारात्मक सोच या विचारों को जन्म देती है हमारेे जेहन में अनेक नकारात्मक विचार जन्म लेेेने लगतेे हैं।जीवन की वास्तविकताओं से परिपूर्ण हम वास्तविक कलचर को पुराने कल्चर की संज्ञा देकर अपनेे विकास मेंं बाधक मानते हुए नए कलचर के साथ जीवन को शार्टकट मार्ग पर ले जाकर जीतेे चले जाते हैं।हम नकारात्मक विचारों के वसीभूत होकर जीवन की वास्तविकताओं से दूर होते चले जाते है।परिणाम स्वरूप हमारे जीवन के मार्ग मेंं अनेक बाधाऐं हमारा रास्ता अवरुद्ध करने लग जाती हैं।और हम तमाम मुश्किलों में घिरते चले जाते हैं।हमारा सरल व स्वभाविक मानव जीवन वास्तविक्ता का मार्ग भटक जानेे से कठिन प्रतीत होने लगता है।सकारात्मक ऊर्जा के अभाव में हम वास्तविक्ता को भुला देतेेँ हैं।
सत्य का कोई विकल्प नहीं होता या वास्तविकता का कोई विकल्प नहीं होता, इसी प्रकार दोस्तों हमारे वास्तविक जीवन के मार्ग का कोई विकल्प नहीँ हो सकता।हमारे वास्तविक जीवन के मार्ग का कोई शार्टकट नहीं होता। दोस्तों हमनेें देखा कि नकारात्मक सोंच हमारे मानव जीवन की प्रत्येक पहलू की वास्तविकताओं को प्रभावित ही नही करता बल्कि उसकी वास्तविक्ता को नष्ट कर देता है।जिससे हमारे जीवन के लक्ष्य ,सफलताएं,यहां तक कि हमारे मानव जीवन की सार्थकता तक स्वतः प्रभावित हो जाती है।
धन्यवाद
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